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पैसों से ज्यादाप्यारी नहीं किसी कोअब मर्यादा!2इन रिश्तों मेंमिला दुख- दर्द हीहमें किश्तों में!3कम, अधिक?प्रेम हो गया अबऔपचारिक!4प्यार, जज़्बातगुजरे जमाने कीहो गई बात!5बढ़ी उदासी!प्यार के फूल सारेहो गए बासी।6करें वो जो भीसात खून माफ हैंरिश्तों के तो भी!7बस हो चुकाभरोसा ही रिश्तों सेजब खो चुका!8छिड़ी है जंगपैसों ने लगाई हैरिश्तों में जंग!9बढ़े फासलेकौन सी राह परये रिश्ते चले?10हुआ बखेड़ारिश्तों की सीवन कोक्या है उधेड़ा?11अपनी गर्ज!हाँ! हरेक को अबयही है मर्ज।12जमाना कैसा!सबके लिए 'सब'हो गया पैसा।13खरीदो प्यारया बेचो, घर- घरलगा बाजार!14रिश्तों का रूपहोता चला जा रहाअब विद्रूप!15क्या खूब रीतिरिश्तों ने घर में कीफूट की नीति!16एक नासूर!रिश्ते पीर, टीस सेहैं भरपूर!!17आग लगातेऔर प्रेम का झण्डारिश्ते उठाते!18जन्म से जुड़ेजीवन भर देनाकुढ़ेहमसे रिश्ते!19आदत बुरीरिश्ते घोंप देते हैंपीठ में छुरी!20रिश्ते हैं साँपकोई नाम भी ले तोजाती हूँ काँप!21रिश्तों की चोटी!चढ़ो! देखो! दिखेगीभावना खोटी!!22रिश्ते केवलपिलाते हलाहलक्यों पल- पल?23ये सारे रिश्ते'चाल' की चक्की हुएहम पिसते!24रिश्तों की मूर्तिगौर से देखो तो है-स्वार्थ की पूर्ति!25कहाँ है प्रीति?केवल कूटनीतिभरी रिश्तों में!26ये जो उत्पात!इसमें पूरा हाथरिश्तों का ही है!27बस लूट हीसब रिश्तों का केंद्रबनें राजेंद्र!28पाँव तो छूतेप्रेम- भाव से रिश्तेपर अछूते!29दुख के पारले लेते अवतारफिर से रिश्ते!30जिसको मानावो निठुुर अहेरीडालता दाना!31रहे सदा सेखून के बस प्यासेखून के रिश्ते!32खून के नातेखूब रीति निभातेखून रुलाते!33बेच दी लाजपैसों के मोहताजसम्बन्ध आज!34जरा लो भाँपजहरीले रिश्ते हैं-दोमुँहे साँप।35न आए बाजखून के रिश्ते की वोलुटाते लाज!36अपनों ने भीकहीं का नहीं छोड़ाविश्वास तोड़ा!37किससे भलाआशा, अपनों ने हीघोंटा है गला!38वाह रे प्यार?पीठ- पीछे करतेअपने वार!39कैसा लगाव!सबके जी में भरावैर का भाव!!40बड़ा लाड़ है!ना! प्यार की आड़ मेंखिलवाड़ है।-0-
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