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"छोड़ो बातें फिर कभी / हरिवंश प्रभात" के अवतरणों में अंतर
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छोड़ो बातें फिर कभी
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रचनाकार | हरिवंश प्रभात |
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इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- तन के जो सर खड़ा है / हरिवंश प्रभात
- हरेक बात सियासी / हरिवंश प्रभात
- जिन्हें रौशनी की ज़रूरत / हरिवंश प्रभात
- जीवन में कर रहे हैं / हरिवंश प्रभात
- डोलती एक नाव-सी / हरिवंश प्रभात
- जो थे रौनक भोर के / हरिवंश प्रभात
- आप में जब आग है / हरिवंश प्रभात
- घर मेरा सुन्दर हुआ / हरिवंश प्रभात
- तुम शरद की पूर्णिमा हो / हरिवंश प्रभात
- दूर से चलकर आने वाले / हरिवंश प्रभात
- ख़ुद ही जो अपने आपको / हरिवंश प्रभात
- यह ज़माना जो लिए / हरिवंश प्रभात
- वक़्त तो बदलता है / हरिवंश प्रभात
- मुल्क से अपने मिटेगा / हरिवंश प्रभात
- नहीं रखते हैं जो आधार / हरिवंश प्रभात
- हर जनम दिन पर / हरिवंश प्रभात
- हर घड़ी लक्ष्य पे / हरिवंश प्रभात
- सब को छाव दिखाना मत / हरिवंश प्रभात
- आख़िर मैं क्या करूँ / हरिवंश प्रभात
- जब भी लड़की उदास होती है / हरिवंश प्रभात
- फूल भी कुम्हला रहे हैं / हरिवंश प्रभात
- असंभव को संभव बनाने / हरिवंश प्रभात
- सूरज का अँधेरों से / हरिवंश प्रभात
- कैसा युग निर्माण हुआ / हरिवंश प्रभात
- ओछे लोगों से हर बात / हरिवंश प्रभात
- जहाँ पर आदमी ही आदमी / हरिवंश प्रभात
- देख लो ये है सियासत / हरिवंश प्रभात
- पढ़ लिखकर बेकार कोई / हरिवंश प्रभात
- समझौतों की बेड़ी में / हरिवंश प्रभात
- करने हम ज़िन्दगी की / हरिवंश प्रभात
- रखता है ख़बर सबकी / हरिवंश प्रभात
- जीने की ख़ातिर अपनाया / हरिवंश प्रभात
- ग़ज़ल ज़िन्दगी है / हरिवंश प्रभात
- मुझसे मिलने की / हरिवंश प्रभात
- काले चश्में में चेहरा / हरिवंश प्रभात
- कुछ कमियाँ हैं फिर भी / हरिवंश प्रभात
- अपना जो था कल तक / हरिवंश प्रभात
- ताज़गी से हरा भरा मौसम / हरिवंश प्रभात
- जब से इस घर से / हरिवंश प्रभात
- अपने दिल में दीपक / हरिवंश प्रभात
- मेरी ज़िन्दगी ही बनी कविता / हरिवंश प्रभात
- अपनी आदत से बाज आये हैं / हरिवंश प्रभात
- जिस जगह फूल मुस्कुराते हैं / हरिवंश प्रभात
- हिम्मत है गर विरोध का / हरिवंश प्रभात
- सब पर निगाह रखता / हरिवंश प्रभात
- बैठो नहीं यूँ हार के / हरिवंश प्रभात
- क़रार है तो कभी / हरिवंश प्रभात
- हम किसी की ख़ुशनुमा / हरिवंश प्रभात
- लिए मैं होठों पर आया / हरिवंश प्रभात
- जब भी मिलन हो तुम्हें / हरिवंश प्रभात
- तालाब हैं अनेकों / हरिवंश प्रभात
- अनजाने से प्यार जताना / हरिवंश प्रभात
- साथी अगर सलाह दे / हरिवंश प्रभात
- बिना पिये ही रहता है / हरिवंश प्रभात
- शरद की ऋतु सौगात तुम्हारा / हरिवंश प्रभात
- दरवाज़े पर हाथी हो / हरिवंश प्रभात
- किसी साहित्य प्रेमी को / हरिवंश प्रभात
- क़दम तुम्हारे शुरू हुए हैं / हरिवंश प्रभात
- चिड़ियाँ जागी कमल खिला / हरिवंश प्रभात
- है ज़िन्दगी लगी हुई / हरिवंश प्रभात
- कितनी धरती, कितने ईश्वर / हरिवंश प्रभात
- प्रकाश अँधेरी रातों में / हरिवंश प्रभात
- उनकी मीठी याद कहो / हरिवंश प्रभात
- अगर तुम साथ हो जाओ / हरिवंश प्रभात
- कौन जाने किसका ख़त है / हरिवंश प्रभात
- आदमी वह ख़ूब मालामाल है / हरिवंश प्रभात
- दिन गुज़र ही जाता है / हरिवंश प्रभात
- गर हिम्मत है जज़्बा है / हरिवंश प्रभात
- जहाँ-जहाँ पर ख़ूब भरोसा होता है / हरिवंश प्रभात
- शांत जल में खलबली है / हरिवंश प्रभात
- जो काला धन विदेश में है / हरिवंश प्रभात
- यह कोई झूठ नहीं / हरिवंश प्रभात
- ज़िन्दगी हम सादा जीते हैं / हरिवंश प्रभात
- इस नदी की तेज लहरों में / हरिवंश प्रभात
- पढ़ो देखो ये सुबहो शाम / हरिवंश प्रभात
- तैर नदी में पार उतरना / हरिवंश प्रभात
- पता नहीं वह तुमसे / हरिवंश प्रभात
- शहर गाँव का मंजर / हरिवंश प्रभात
- हम जिसको चाहते हैं / हरिवंश प्रभात
- भुलावे का ही जब तम्बू तना / हरिवंश प्रभात
- ये उदासी और आहें / हरिवंश प्रभात
- ख़ूबसूरत फूलों-सा संसार / हरिवंश प्रभात
- हो रहा आग़ाज़ है अंजाम होने को / हरिवंश प्रभात
- कब से मिलना चाह रहा हूँ / हरिवंश प्रभात
- अपना उज्ज्वल देश बनाएँ / हरिवंश प्रभात
- नया फूल गुलशन में खिलता कहाँ / हरिवंश प्रभात
- आज शहर में पानी बरसा / हरिवंश प्रभात
- सफ़र मुसाफ़िर जारी रखना / हरिवंश प्रभात
- आपको पढ़ना और लिखना है / हरिवंश प्रभात
- नदी की आरती मुझको उतार लेने दो / हरिवंश प्रभात
- कौन किसके दिल को भाया / हरिवंश प्रभात
- छूट गया है कोई अपना / हरिवंश प्रभात
- देश के हित में / हरिवंश प्रभात
- सूनी आँखों में नए / हरिवंश प्रभात
- भारत से बड़ा कोई / हरिवंश प्रभात
- पास मेरे दो तरह के / हरिवंश प्रभात
- आने वाला जो है संकट / हरिवंश प्रभात
- अपने चेहरे मुखौटे लगाये नहीं / हरिवंश प्रभात
- मेरी कविता की खूबी / हरिवंश प्रभात
- आप भी इतने ख़ास लगेंगे / हरिवंश प्रभात
- चलो अब मुसाफ़िर / हरिवंश प्रभात