{{KKGlobal}}
{{KKAnooditRachnakaarKKParichay|चित्र= Indrajeet-bhalerao.jpg
|नाम=इंद्रजित भालेराव
|उपनाम=
|जन्म= --05 जनवरी 1962|मृत्यु=--|जन्मस्थान= महाराष्ट्र, भारत |कृतियाँ= कुल दस काव्य-संग्रह
|विविध=
|जीवनी=[[इंद्रजित भालेराव / परिचय]]
}}
* [[आत्महत्या का संदर्भ / इंद्रजित भालेराव]]
* [[ / इंद्रजित "लोककथा पिता की" लोककथा में राजकुमारी काजीवन जैसे तोते में होता हैवैसे ही पिता का जीवन भी फसल में होता है, तोते के पंख उतार दिए जाते हैतो राजकुमारी के हाथ टूटकर गिर जाते हैं,तोते की गर्दन मरोड़ दी जाती हैतो राजकुमारी की गर्दन टूट जाती है,तोते की जान चली जाती हैतो राजकुमारी भी मर जाती है, बारिश ने मुंह मोड़ लेने से जब भी फसल सूख जाती है, वैसे पिता जी का चेहरा भी सूख जाता है,फसल ने मान झुका लीतो पिता भी मान झुका लेते हैं,और मान लीजिए कि फसल उगी ही नहींतो पिता खुद को मिट्टी में गाड़ लेते हैं, पिता को जिंदा रखना हैतो अब कुछ भी करकेफसल को बचाना होगा !!! (मूल मराठी कविता -इंद्रजीत भालेराव]] हिंदी अनुवाद - विजय नगरकर)#अनुवाद