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"स्वगत: / नागार्जुन" के अवतरणों में अंतर

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आदरणीय,
 
आदरणीय,
 
अब तो आप  
 
अब तो आप  
पूर्णतः मुक्त जन हो!
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पूर्णतः मुक्त जन हो !
 
कम्प्लीट्ली लिबरेटेड...
 
कम्प्लीट्ली लिबरेटेड...
जी हाँ कोई ससुरा  
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जी हाँ, कोई ससुरा  
 
आपकी झाँट नहीं  
 
आपकी झाँट नहीं  
 
उखाड़ सकता, जी हाँ !!
 
उखाड़ सकता, जी हाँ !!
 
जी हाँ, आपके लिए  
 
जी हाँ, आपके लिए  
 
कोई भी करणीय-कृत्य  
 
कोई भी करणीय-कृत्य  
शेष नहीं बचा है
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शेष नहीं बचा है,
 
जी हाँ, आप तो अब  
 
जी हाँ, आप तो अब  
 
इतिहास-पुरुष हो  
 
इतिहास-पुरुष हो  
  
स्थित प्रज्ञ—
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स्थित प्रज्ञ —
 
निर्लिप्त, निरंजन...
 
निर्लिप्त, निरंजन...
युगावतार!
+
युगावतार !
 
जो कुछ भी होना था  
 
जो कुछ भी होना था  
सब हो चुके आप!
+
सब हो चुके आप !
ओ मेरी माँ, ओ मेरे बाप!
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ओ मेरी माँ, ओ मेरे बाप !
 
आपकी कीर्ति-  
 
आपकी कीर्ति-  
जल-थल-नभ में गई है व्याप!
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जल-थल-नभ में गई है व्याप !
सब कुछ हो आप!
+
सब कुछ हो आप !
प्रभु क्या नहीं हो आप!
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प्रभु, क्या नहीं हो आप !
 
क्षमा करो आदरणीय,
 
क्षमा करो आदरणीय,
 
अकेले में, अक्सर
 
अकेले में, अक्सर
 
मैंने आपको
 
मैंने आपको
दुर्वचन कहे हैं!
+
दुर्वचन कहे हैं !
नहीं कहे हैं क्या?
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नहीं कहे हैं क्या ?
हाँ, हाँ, बारहाँ कहे हैं
+
हाँ, हाँ, बारहा कहे हैं
मैंने आपको दुर्वचन जी भर के फटकारा है,
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मैंने आपको दुर्वचन, जी भर के फटकारा है,
जी हाँ, अक्सर फटकारा है
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जी हाँ, अक्सर फटकारा है,
क्षमा करो प्रभु!
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क्षमा करो, प्रभु !
 
महान हो आप...
 
महान हो आप...
 
महत्तर हो, महत्तम हो
 
महत्तर हो, महत्तम हो
क्‍या नहीं हो आप?
+
क्‍या नहीं हो आप ?
मेरी माँ, मेरे बाप!
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मेरी माँ, मेरे बाप !
क्या नहीं हो आप?
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क्या नहीं हो आप ?
 
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''(यह रचना 'वाणी प्रकाशन' से 1994 में प्रकाशित नागार्जुन की पुस्तक 'भूल जाओ पुराने सपने' से है)''
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03:07, 30 सितम्बर 2024 के समय का अवतरण

आदरणीय,
अब तो आप
पूर्णतः मुक्त जन हो !
कम्प्लीट्ली लिबरेटेड...
जी हाँ, कोई ससुरा
आपकी झाँट नहीं
उखाड़ सकता, जी हाँ !!
जी हाँ, आपके लिए
कोई भी करणीय-कृत्य
शेष नहीं बचा है,
जी हाँ, आप तो अब
इतिहास-पुरुष हो

स्थित प्रज्ञ —
निर्लिप्त, निरंजन...
युगावतार !
जो कुछ भी होना था
सब हो चुके आप !
ओ मेरी माँ, ओ मेरे बाप !
आपकी कीर्ति-
जल-थल-नभ में गई है व्याप !
सब कुछ हो आप !
प्रभु, क्या नहीं हो आप !
क्षमा करो आदरणीय,
अकेले में, अक्सर
मैंने आपको
दुर्वचन कहे हैं !
नहीं कहे हैं क्या ?
हाँ, हाँ, बारहा कहे हैं
मैंने आपको दुर्वचन, जी भर के फटकारा है,
जी हाँ, अक्सर फटकारा है,
क्षमा करो, प्रभु !
महान हो आप...
महत्तर हो, महत्तम हो
क्‍या नहीं हो आप ?
मेरी माँ, मेरे बाप !
क्या नहीं हो आप ?