हँसती है
उँगलियाँ उठा कहती है ...
कहकहे कसती है - — राम रे राम!
क्या पहरावा है
क्या चाल-ढाल
सबड़-झबड़
आल-जाल-बाल
हाल में लिया है भेख? जटा या केश?
जनाना-ना-मर्दाना
या जन .......
हो-पहरावे-ओढ़ावे
चाल-ढाल
उसकी रुचि, पसंद पसन्द के अनुसार
या रुचि का
सजाया-सँवारा पुतुल मात्र,
मैं
मेरा पुरुष
बहुरूपिया।बहुरूपिया ।
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