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तुम थोड़ा तो बदलो / निर्देश निधि

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ठीक वैसे ही
जैसे मैं तुम्हारे वजूद का
मैं श्रंगारिणी श्ग्रिड़ड़णी भी तुम्हारी वज़ह सेमैं शृंगारिणी वीतरागिनी भी तुम्हीं से
जैसे तुम
मुझसे मिलकर नृत्य रात गोपाल
उन्हें बाँध देती हूँ तुम्हारे टखनों में
और खींच देती हूँ झटके से
ताकि इस वार से अंजानेअनजानेमुंह मुँह के बल गिरो पक्के रास्ते पर तुम
क्यों कर रही हूँ मैं ऐसा
ले लेना चाहती हूँ
इतना जानती हूँ कि
प्रतिशोध से और भी भड़कती है आग
शायद मुझे ही निःस्प्रह निःस्पृह हो
तुम्हें कर देना होगा क्षमा
बशर्ते कि तुम थोड़ा तो बदलो।
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