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"कला कला के लिए / गोरख पाण्डेय" के अवतरणों में अंतर

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जीवन को ख़ूबसूरत बनाने के लिए
 
जीवन को ख़ूबसूरत बनाने के लिए
 
न हो
 
न हो
रोती रोटी के लिए हो
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रोटी  रोटी के लिए हो
 
खाने के लिए न हो
 
खाने के लिए न हो
  
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फ़ौज के लिए फिर युद्ध हो
 
फ़ौज के लिए फिर युद्ध हो
  
फ़िलहाल कलस शुद्ध बनी तहे
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फ़िलहाल कला शुद्ध बनी रहे
 
और शुद्ध कला के
 
और शुद्ध कला के
 
पावन प्रभामंडल में
 
पावन प्रभामंडल में

20:08, 16 जनवरी 2009 के समय का अवतरण

 
कला कला के लिए हो
जीवन को ख़ूबसूरत बनाने के लिए
न हो
रोटी रोटी के लिए हो
खाने के लिए न हो

मज़दूर मेहनत करने के लिए हों
सिर्फ़ मेहनत
पूंजीपति हों मेहनत की जमा पूंजी के
मालिक बन जाने के लिए
यानि,जो हो जैसा हो वैसा ही रहे
कोई परिवर्तन न हो
मालिक हों
ग़ुलाम हों
ग़ुलाम बनाने के लिए युद्ध हो
युद्ध के लिए फ़ौज हो
फ़ौज के लिए फिर युद्ध हो

फ़िलहाल कला शुद्ध बनी रहे
और शुद्ध कला के
पावन प्रभामंडल में
बने रहें जल्लाद
आदमी को
फाँसी पर चढ़ाने लिए.