गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
विश्वेश्वराय वरदाय / श्लोक
49 bytes added
,
09:42, 1 फ़रवरी 2009
<poem>
<span class="mantra">
विश्वेश्वराय वरदाय
सुराधिपाय
सुरप्रियाय
,
लंबोदराय सकलाय जगध्दिताय।
नागाननाय
सितसर्पविभूषाय
श्रुतियग्यविभुसिताय
,
गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥
</span>
</poem>
Anonymous user
203.112.84.139