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मोमिन / परिचय

3 bytes removed, 00:22, 4 फ़रवरी 2009
::::: मैंने तुमसे क्या किया और तुमने मुझसे क्या किया
अन्कअ आपका एक शे'र मुलाहिज़ा फरमाएँ, जिससे मिर्ज़ा ग़ालिब इस क़दर प्रभावित हुए कि इस शे'र के बदले अपना सारा दीवान 'मोमिन' को देने की पेशकश की थी:
::::: तुम मेरे पास होते हो गोया