भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"उत्तराधिकारी के नाम / दिविक रमेश" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दिविक रमेश |संग्रह=रास्ते के बीच }} न आ मेरे बच्चे मेरे ...) |
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
|रचनाकार=दिविक रमेश | |रचनाकार=दिविक रमेश | ||
− | |संग्रह=रास्ते के बीच | + | |संग्रह=रास्ते के बीच / दिविक रमेश |
}} | }} | ||
08:40, 7 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण
न आ मेरे बच्चे
मेरे पीछे-पीछे
न जाने कितने उबाल हैं मेरेभीतर
कि सड़क पर पड़ा हर क़दम
छप जाता है ।
मेटने पड़ते हैं सभी
घबराकर
कि कहीं
अपनी दिशओं से मुक्त हो
मेरे स्वार्थों को भी कर्तव्य समझ
न चलने लगे तू
उन्हीं उन छपे
साँचे-से/ ढले पैरों पर ।