"होना तो यह चाहिए / सुदर्शन वशिष्ठ" के अवतरणों में अंतर
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− | + | कि चोर लुटेरों को सजा मिले | |
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− | + | कि सही जगह पर गलत आदमी न बैठें | |
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+ | गलत जगह पर सही आदमी। | ||
− | + | होना तो यह चाहिए | |
− | + | कि अखबारों में सही खबर जाए | |
+ | सच को सच लिखा जाए | ||
+ | झूठ को झूठ। | ||
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+ | होना तो यह चहिए | ||
+ | कि सब हाथों को काम मिले | ||
+ | थके हारों को आराम मिले। | ||
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+ | होना तो यह चाहिए | ||
+ | अध्यापक कक्षा में पढ़ाएं | ||
+ | ट्यूशन न करें | ||
+ | डॉक्टर न खोलें प्राइवेट नर्सिंग होम। | ||
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+ | होना तो यह चाहिए | ||
+ | नेता न बनें राजा | ||
+ | सेवा करें गरीबों की | ||
+ | लोगों की सुनें। | ||
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+ | सभी कहते हैं | ||
+ | होना तो यह चाहिए | ||
+ | होना तो वह चाहिए | ||
+ | करते नहीं। | ||
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+ | होना तो बहुत कुछ चाहिए अनहोना | ||
+ | होता नहीं जो होना चाहिए | ||
+ | इसलिये होना तो वही चाहिए | ||
+ | जो होना चाहिए। | ||
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02:12, 18 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण
होना तो यह चाहिए
सड़कें साफ हों
सभी चलें बाईं ओर
कोई थूके नहीं पेशाब न करे।
होना तो यह चाहिए
मन साफ हों
सभी नेक काम करें
हेरा-फेरी से डरें
होना तो यह चाहिए
हकूमत न करें सरकारी सेवक
या सेवा नाम हटा दें
हाकिम बनें सामने-सामने।
होना तो यह चाहिए
कि चोर लुटेरों को सजा मिले
फांसी पर लटकाए जाएं हत्यारे
उन्हें न बनाया जाए सांसद या मन्त्री।
होना तो यह चाहिए
कि नेता तूफान बाढ़ या सूखे
पर ही न जाएं गाँव।
होना तो यह चहिए
कि सही जगह पर गलत आदमी न बैठें
और
गलत जगह पर सही आदमी।
होना तो यह चाहिए
कि अखबारों में सही खबर जाए
सच को सच लिखा जाए
झूठ को झूठ।
होना तो यह चहिए
कि सब हाथों को काम मिले
थके हारों को आराम मिले।
होना तो यह चाहिए
अध्यापक कक्षा में पढ़ाएं
ट्यूशन न करें
डॉक्टर न खोलें प्राइवेट नर्सिंग होम।
होना तो यह चाहिए
नेता न बनें राजा
सेवा करें गरीबों की
लोगों की सुनें।
सभी कहते हैं
होना तो यह चाहिए
होना तो वह चाहिए
करते नहीं।
होना तो बहुत कुछ चाहिए अनहोना
होता नहीं जो होना चाहिए
इसलिये होना तो वही चाहिए
जो होना चाहिए।