भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"अकबर इलाहाबादी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 8: | पंक्ति 8: | ||
|जन्मस्थान= इलाहाबाद | |जन्मस्थान= इलाहाबाद | ||
|कृतियाँ= | |कृतियाँ= | ||
− | |विविध= | + | |विविध= |
|जीवनी=[[अकबर इलाहाबादी / परिचय]] | |जीवनी=[[अकबर इलाहाबादी / परिचय]] | ||
|अंग्रेज़ीनाम=Akbar Ilahabadi | |अंग्रेज़ीनाम=Akbar Ilahabadi |
14:46, 24 फ़रवरी 2009 का अवतरण
सैयद हुसैन
क्या आपके पास चित्र उपलब्ध है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
जन्म | 16 नवंबर 1846 |
---|---|
निधन | 9 सितंबर 1921 |
उपनाम | अकबर इलाहाबादी |
जन्म स्थान | इलाहाबाद |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
अकबर इलाहाबादी / परिचय |
<sort order="asc" class="ul">
- साँस लेते हुए भी डरता हूँ / अकबर इलाहाबादी
- हंगामा है क्यूँ बरपा / अकबर इलाहाबादी
- दिल मेरा जिस से बहलता / अकबर इलाहाबादी
- दुनिया में हूँ दुनिया का तलबगार नहीं हूँ / अकबर इलाहाबादी
- समझे वही इसको जो हो दीवाना किसी का / अकबर इलाहाबादी
- आँखें मुझे तल्वों से वो मलने नहीं देते / अकबर इलाहाबादी
- पिंजरे में मुनिया / अकबर इलाहाबादी
- उन्हें शौक़-ए-इबादत भी है / अकबर इलाहाबादी
- एक बूढ़ा नहीफ़-ओ-खस्ता दराज़ / अकबर इलाहाबादी
- अरमान मेरे दिल का निकलने नहीं देते / अकबर इलाहाबादी
- जो यूं ही लहज़ा लहज़ा दाग़-ए-हसरत की तरक़्क़ी है / अकबर इलाहाबादी
- फिर गई आप की दो दिन में तबीयत कैसी / अकबर इलाहाबादी
- कहाँ ले जाऊँ दिल दोनों जहाँ में इसकी मुश्किल है / अकबर इलाहाबादी
- किस किस अदा से तूने जलवा दिखा के मारा / अकबर इलाहाबादी
- कट गई झगड़े में सारी रात वस्ल-ए-यार की / अकबर इलाहाबादी
- शक्ल जब बस गई आँखों में तो छुपना कैसा / अकबर इलाहाबादी
- दम लबों पर था दिलेज़ार के घबराने से / अकबर इलाहाबादी
- जान ही लेने की हिकमत में तरक़्क़ी देखी / अकबर इलाहाबादी
- छिड़ा है राग भौंरे का, हवा की है नई धुन भी / अकबर इलाहाबादी
- ख़ुशी है सब को कि आप्रेशन में ख़ूब नश्तर चल रहा है / अकबर इलाहाबादी
- आपसे बेहद मौहब्बत है मुझे / अकबर इलाहाबादी
- हिन्द में तो मज़हबी हालत है अब नागुफ़्ता बेह / अकबर इलाहाबादी
- जलवये दरबारे-देहली / अकबर इलाहाबादी
- बिठाई जाएंगी पर्दे में बीबियाँ कब तक / अकबर इलाहाबादी
- हस्ती के शजर में जो यह चाहो कि चमक जाओ / अकबर इलाहाबादी
- तअज्जुब से कहने लगे बाबू साहब / अकबर इलाहाबादी
- सूप का शायक़ हूँ यख़नी होगी क्या / अकबर इलाहाबादी
- चश्मे-जहाँ से हालते अस्ली छिपी नहीं / अकबर इलाहाबादी
- हास्य-रस -एक / अकबर इलाहाबादी
- हास्य-रस -दो / अकबर इलाहाबादी
- हास्य-रस -तीन / अकबर इलाहाबादी
- हास्य-रस -चार / अकबर इलाहाबादी
- हास्य-रस -पाँच / अकबर इलाहाबादी
- हास्य-रस -छ: / अकबर इलाहाबादी
- हास्य-रस -सात / अकबर इलाहाबादी
</sort>