भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"दुनिया - २ / केशव" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
प्रकाश बादल (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केशव |संग्रह=ओ पवित्र नदी / केशव }} <poem> तुमसे जुड़्...) |
प्रकाश बादल (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 5: | पंक्ति 5: | ||
}} | }} | ||
<poem> | <poem> | ||
− | तुमसे | + | तुमसे जुड़कर मैं |
आँधी का रुख | आँधी का रुख | ||
अपनी ओर मोड़ लेता हूँ | अपनी ओर मोड़ लेता हूँ |
15:20, 1 मार्च 2009 का अवतरण
तुमसे जुड़कर मैं
आँधी का रुख
अपनी ओर मोड़ लेता हूँ
तुमसे अलग होकर
खुद को
शुद स्ए जोड़ लेता हूँ
इस सिलसिले की मुँडेर पर बैठ
नहीं देख सका मैं
अपने कद से ऊपर
किसी फुनगी पर बैठी
अकेली चिड़िया तक को
फिर भी कैसे
अकेलेपन के काँच को
भीतर होने वाली
हल्की सी आहट से तोड़ लेता हूँ
कहीं कुछ है
जो तेज़ से तेज़ हथियार के सामने भी
खड़ा रहता है
निडर
जिसकी अदृष्य उंगली थामकर
अँधेरे के घने वृक्ष में
रंग बदलती के पत्ती को
पहचान लेता हूँ
और अपने नाटे दुःख के
तम्बू से निकलकर
खुद को
सबसे बाँट लेता हूँ