Changes

साँचा:KKPoemOfTheWeek

96 bytes removed, 22:21, 3 मार्च 2009
<div id="kkHomePageSearchBoxDiv" class='boxcontent' style='background-color:#F5CCBB;border:1px solid #DD5511;'>
<!----BOX CONTENT STARTS------>
&nbsp;&nbsp;'''शीर्षक: '''अब देखिये न मेरी कारगुज़ारीकोई हँस रहा है कोई रो रहा है<br>&nbsp;&nbsp;'''रचनाकार:''' [[अज्ञेयअकबर इलाहाबादी]]
<pre style="overflow:auto;height:21em;">
अब देखिये न मेरी कारगुज़ारीकोई हँस रहा है कोई रो रहा हैकि मैं मँगनी के घोड़े परकोई पा रहा है कोई खो रहा हैसवारी परठाकुर साहब के लिए उन की रियाया से लगानकोई ताक में है किसी को है ग़फ़्लतऔर सेठ साहब के लिए पंसार-हट्टे की हर दुकानकोई जागता है कोई सो रहा हैसे किरायावसूल कर लाया हूँ ।कहीँ नाउमीदी ने बिजली गिराईथैली वाले को थैलीकोई बीज उम्मीद के बो रहा हैतोड़े वाले को तोड़ा-और घोड़े वाले को घोड़ाइसी सोच में मैं तो रहता हूँ 'अकबर'सब को सब का लौटा दियाअब मेरे पास यह घमंड क्या हो रहा हैकि सारा समाज मेरा एहसानमन्द यह क्यों हो रहा है  '''शब्दार्थ :ग़फ़्लत=भूल
</pre>
<!----BOX CONTENT ENDS------>
</div><div class='boxbottom'><div></div></div></div>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,269
edits