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पृथ्वी के कक्ष में / वंशी माहेश्वरी
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07:45, 31 मार्च 2009
सूर्य की आत्मा में
उदित होगा कल
पृथ्वी के कक्ष में चलेगी
कख्शा
कक्षा
कक्षा के बाहर आते ही
आकाश का नहीं रहेगा नामोनिशान।
</poem>
अनिल जनविजय
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