भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार / भजन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) (New page: {{KKBhaktiKavya |रचनाकार= }} तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार<br> उदासी मन काहे को करे ॥<br><br...) |
|||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | {{ | + | {{KKGlobal}} |
+ | {{KKBhajan | ||
|रचनाकार= | |रचनाकार= | ||
}} | }} | ||
− | |||
तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार<br> | तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार<br> | ||
उदासी मन काहे को करे ॥<br><br> | उदासी मन काहे को करे ॥<br><br> |
20:09, 17 अप्रैल 2009 का अवतरण
तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार
उदासी मन काहे को करे ॥
नैया तेरी राम हवाले लहर
लहर हरि आप सम्हाले हरि
आप ही उठायें तेरा भार
उदासी मन काहे को करे ॥
काबू में मंझधार उसी के
हाथों में पतवार उसी के
तेरी हार भी नहीं है तेरी
हार उदासी मन काहे को करे ॥
सहज किनारा मिल जायेगा
परम सहारा मिल जायेगा
डोरी सौंप के तो देख एक बार
उदासी मन काहे को करे ॥
तू निर्दोष तुझे क्या डर है
पग पग पर साथी ईश्वर है ।
सच्ची भावना से कर ले पुकार
उदासी मन काहे को करे ॥