भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

साँचा:KKPoemOfTheWeek

15 bytes added, 14:07, 5 मई 2009
<div id="kkHomePageSearchBoxDiv" class='boxcontent' style='background-color:#F5CCBB;border:1px solid #DD5511;'>
<!----BOX CONTENT STARTS------>
&nbsp;&nbsp;'''शीर्षक: '''तुम मान्दोरियाउसकी थकान<br>&nbsp;&nbsp;'''रचनाकार:''' [[ठाकुर प्रसाद सिंहभगवत रावत]]
<pre style="overflow:auto;height:21em;">
तुम मान्दोरियाहम नाचोनियाकोई लम्बी कहानी ही
मादर ना बजारसीला मादर न बजाबयान कर सके शायद
बाप खड़ेमाँ खड़ीउसकी थकान
खिड़की का पल्ला धरेजो मुझसेखड़ा दो बच्चों की दूरी पर न जाने कब से क्या-क्या सिलते-सिलते हाथों में सुई धागा लिए हुए ही सो गई है पिया
हम नाचोनिया
मादर ना बजा
</pre>
<!----BOX CONTENT ENDS------>
</div><div class='boxbottom'><div></div></div></div>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,730
edits