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"समय / कविता वाचक्नवी" के अवतरणों में अंतर
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16:35, 6 जून 2009 के समय का अवतरण
समय
बरसात के पानी में मिल
मटिया गया
किसी गढ्ढे में,
दिन-रात
जम गए काँच पर
धुँध बनकर
उंगलियों ने नाम
लिखे होंगे बहुत
कभी रेत पर
काँच पर कभी।