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कविता-6 / रवीन्द्रनाथ ठाकुर
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13:55, 23 जून 2009
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|रचनाकार=रवीन्द्रनाथ ठाकुर
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रास्ते में जब हमारी आंखें मिलती हैं
मैं सोचता हूं मुझे उसे कुछ कहना था
पर वह गुजर जाती है
वह बात जो मुझे उसे बतानी थी ।
'''
अंग्रेजी से अनुवाद - कुमार मुकुल
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