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"अब के / भवानीप्रसाद मिश्र" के अवतरणों में अंतर
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18:57, 24 जून 2009 के समय का अवतरण
मुझे पंछी बनाना अब के
या मछली
या कली
और बनाना ही हो आदमी
तो किसी ऐसे ग्रह पर
जहाँ यहाँ से बेहतर आदमी हो
कमी और चाहे जिस तरह की हो
पारस्परिकता की न हो।