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"पायो जी म्हें तो राम रतन धन पायो / मीराबाई" के अवतरणों में अंतर

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पायो जी म्हें तो राम रतन धन पायो।
  
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वस्तु अमोलक दी म्हारे सतगुरू, किरपा कर अपनायो॥
  
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जनम-जनम की पूँजी पाई, जग में सभी खोवायो।
वस्तु अमोलक दी म्हारे सतगुरू, किरपा कर अपनायो॥< br >
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खरच न खूटै चोर न लूटै, दिन-दिन बढ़त सवायो॥
  
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सत की नाँव खेवटिया सतगुरू, भवसागर तर आयो।
  
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'मीरा' के प्रभु गिरिधर नागर, हरख-हरख जस पायो॥
 
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19:00, 24 जून 2009 के समय का अवतरण

पायो जी म्हें तो राम रतन धन पायो।

वस्तु अमोलक दी म्हारे सतगुरू, किरपा कर अपनायो॥

जनम-जनम की पूँजी पाई, जग में सभी खोवायो।

खरच न खूटै चोर न लूटै, दिन-दिन बढ़त सवायो॥

सत की नाँव खेवटिया सतगुरू, भवसागर तर आयो।

'मीरा' के प्रभु गिरिधर नागर, हरख-हरख जस पायो॥