लेखिका: [[महादेवी वर्मा]]{{KKGlobal}}[[Category:कविताएँ]]{{KKRachna[[Category:|रचनाकार= महादेवी वर्मा]] ~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~}}
मैं बनी मधुमास आली!<br><br>
आज मधुर विशाद विषाद की घिर करुण आई यामिनी <br>बरस सुधि के इन्दु से छिट्की छिटकी पुलक की चांदनी<br>उमडउमड़, आई री, द्रगों दृगों में <br>
सजनि, कालिन्दी निराली!<br><br>
रजत स्वप्नों में उदित अपलक विरल तरावली तारावली,<br>
जाग सुक-पिक ने अचानक मदिर पन्चम तान ली;<br>
बह चली निशःवास निःश्वास की म्रदुमृदु<br>बात वात मलय-निकुन्ज वाली!<br><br>
सजल रोमो रोमों में बिछी है पांवडे पांवड़े मधुस्नात से,<br>आज जीवन के निमिष भी दूत हैं अग्यात अज्ञात से<br>
क्या न अब प्रिय की बजेगी <br>
मुरली मधुराग वाली?<br><br>
मैं बनी मधुमास आली!