भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"अंतराल / मंगलेश डबराल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(New page: {{KKGlobal}} रचनाकारः मंगलेश डबराल Category:कविताएँ Category:मंगलेश डबराल ~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~...)
 
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKGlobal}}
रचनाकारः [[मंगलेश डबराल]]
+
{{KKRachna
[[Category:कविताएँ]]
+
|रचनाकार=मंगलेश डबराल
[[Category:मंगलेश डबराल]]
+
}}
 
+
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~
+
 
+
 
+
 
हरा पहाड़ रात में
 
हरा पहाड़ रात में
  

22:16, 24 जून 2009 के समय का अवतरण

हरा पहाड़ रात में

खिसककर मेरे सिरहाने खड़ा हो जाता है

शिखरों से टकराती हुई तुम्हारी आवाज़

सीलन-भरी घाटी में गिरती है

और बीतते दॄश्यों की धुंध से

छनकर आते रहते हैं तुम्हारे देह-वर्ष

पत्थरों पर झुकी हुई घास

इच्छाओं की तरह अजस्र झरने

एक निर्गंध मृत्यु और वह सब

जिससे तुम्हारा शरीर रचा गया है

लौटता है रक्त में

फिर से चीखने के लिए ।


(रचनाकाल: 1973)