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जड़ बूड़ति नाव सोहाती मिली बिरहा कतलान की काती मिली।<br>
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टुकड़े-टुकड़े दिन बीता, धज्जी-धज्जी रात मिली।<br>
कहि तोष सबै सुख पाती मिली सजनी पियपानि की पाती मिली।<br>
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जितना-जितना आँचल था, उतनी ही सौगात मिली।। <br>
 
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कविता कोश में [[तोष]]
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कविता कोश में [[मीना कुमारी]]
 
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18:51, 7 जुलाई 2009 का अवतरण

 एक काव्य मोती

टुकड़े-टुकड़े दिन बीता, धज्जी-धज्जी रात मिली।
जितना-जितना आँचल था, उतनी ही सौगात मिली।।

कविता कोश में मीना कुमारी