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"एक मुक्तक / यगाना चंगेज़ी" के अवतरणों में अंतर
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गरजनेवाले ग्रजता है क्या, बरसता जा | गरजनेवाले ग्रजता है क्या, बरसता जा | ||
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रुला-रुला के ग़रीबों को हँस चुका कल तक | रुला-रुला के ग़रीबों को हँस चुका कल तक | ||
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मेरी तरफ़ से अब अपनी दसा पै हँसता जा॥ | मेरी तरफ़ से अब अपनी दसा पै हँसता जा॥ | ||
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17:55, 15 जुलाई 2009 के समय का अवतरण
किधर चला है? इधर एक रात बसता जा
गरजनेवाले ग्रजता है क्या, बरसता जा
रुला-रुला के ग़रीबों को हँस चुका कल तक
मेरी तरफ़ से अब अपनी दसा पै हँसता जा॥