भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"एक मुक्तक / यगाना चंगेज़ी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
|रचनाकार=यगाना चंगेज़ी | |रचनाकार=यगाना चंगेज़ी | ||
|संग्रह= | |संग्रह= | ||
− | }} | + | }}[[Category:मुक्तक]] |
<poem>किधर चला है? इधर एक रात बसता जा | <poem>किधर चला है? इधर एक रात बसता जा | ||
गरजनेवाले ग्रजता है क्या, बरसता जा | गरजनेवाले ग्रजता है क्या, बरसता जा |
17:55, 15 जुलाई 2009 के समय का अवतरण
किधर चला है? इधर एक रात बसता जा
गरजनेवाले ग्रजता है क्या, बरसता जा
रुला-रुला के ग़रीबों को हँस चुका कल तक
मेरी तरफ़ से अब अपनी दसा पै हँसता जा॥