|नाम=मौसम मौसम
|रचनाकार=[[प्रेम भारद्वाज]]
|प्रकाशक=बृज प्रकाशन नगरोटा बगवाँ,(काँगड़ा) हिमाचल प्रदेश(दूरभाषः 01892-252044)|वर्ष=2002
|भाषा=हिन्दी
|विषय=ग़ज़ल संग्रह
|शैली=--
|पृष्ठ=95
|ISBN=--
|विविध=--
* [[हर ग़ज़ल कहने का यह आधार होना चाहिये / प्रेम भारद्वाज]]
* [[रिवायतों की वो धुन्धली लकीर बाकी है / प्रेम भारद्वाज]]
* [[हुई शांत पीड़ा कभी तो चुभन से / प्रेम भारद्वाज]]
* [[राम से अल्ला भिड़ा रस्ता दिखा / प्रेम भारद्वाज]]
* [[अधकूपों अंधकूपों का अंधेरा अँधेरा रोशनाई हो गया है / प्रेम भारद्वाज]]
* [[जो मुकर्रर पासबाँ थे उस हसीं के वास्ते / प्रेम भारद्वाज]]
* [[उसी ने जंगलों की यह दशा उघाड़ी है / प्रेम भारद्वाज]]
* [[जब निराशा का अँधेरा घोर काला मिल गया / प्रेम भारद्वाज]]
* [[ख़ाली तमाशबीन मदारी है मालामाल / प्रेम भारद्वाज]]
* [[ अब अजब एहसास की परवाज़ में हैं पर लगे / प्रेम भारद्वाज]]
* [[कहता तो है इसे कि ये लोगों की सनक है / प्रेम भारद्वाज]]
* [[करने लगेगा बात वोह भी सोचकर / प्रेम भारद्वाज]]
* [[सख़्त पड़ी करनी रखवाली / प्रेम भारद्वाज]]
* [[बड़े मुस्कुराए / प्रेम भारद्वाज]]
* [[स्वर्णिम चाम चढ़ार्र चढ़ाई मृगों ने / प्रेम भारद्वाज]]
* [[हाथ आई क्या व्यस्था देखिए / प्रेम भारद्वाज]]
* [[कोई राजा कोई रानी / प्रेम भारद्वाज]]