{{KKRachna
|रचनाकार=शीन काफ़ निज़ाम
|संग्रह=सायों के साए में / शीन काफ़ निज़ाम
}}
[[Category: नज़्म]]{{KKCatNazm}}
<poem>
माह<ref>चांद</ref>माही <ref>मछली</ref> से खफा है
उछाल कर उस ने
कर दिया
मुँतशिर मुंतशिर<ref>बिखरना</ref> मंज़रमौज <ref>लहर</ref> माही के तआकुब <ref>पीछा करना</ref> मेंगई है साहिलों <ref>किनारों</ref> तक
</poem>
{{KKMeaning}}