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नजर मौसम की / नचिकेता
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12:21, 24 अगस्त 2009
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नजर
नज़र
मौसम की
हवाओं की चाल पर है
नजर
नज़र
मौसम की
कहां
कहाँ
तीखा घामबरखा
कहां
कहाँ
होनी है
किस जगह के चेहरे की
मैल धोनी है
कहां गूंजेगी
कहाँ गूँजेगी
ध्वनि अविराम सरगम की
नापनी है चाल धड़कन की
उछालों की
भोर की
आंखें
आँखें
उमंगों से भरी चमकी
अनिल जनविजय
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