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नज़्म उलझी हुई है सीने में / गुलज़ार
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,
18:26, 5 दिसम्बर 2006
बस तेरा नाम ही मुकम्मल है <br>
इससे
बहतर
बेहतर
भी नज़्म क्या होगी <br><br>
Anonymous user
Bansalr