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"सस्‍वर पाठ आंसुओं का / अरुणा राय" के अवतरणों में अंतर

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23:52, 3 सितम्बर 2009 का अवतरण

कैसी हैं आप

फोन पर

पूछता है कोई


क्‍या ...

हकलाती हूं मैं ...

ठीक हूं


ठीक तो हूं...


आप ठीक हैं ना ...


मैं कुछ कहता

कि ...

शिराओं का रक्‍त

उलीचने लगा

नमक और जल


आंसुओं की बाढ ने

हुमककर कहा

हां ... हां...

ठीक हूं बिल्‍कुल...


उसने कहा ...


कुछ सुनाई नहीं दे रहा

साफ


ओह ... हां ...

आंसू तो आंखों की भाषा है

आंखवालों के लिए है

कानों के लिए तो

सस्‍वर पाठ करना होगा

आंसुओं का ....