उदाहरण के लिये
साँई बैर न कीजिये, गुरु, पंडि़त, कवि, यार।यार <br>बेटा, बनिता, पौरिया, यज्ञकरावनहार॥यज्ञकरावनहार <br>यज्ञकरावनहार, राज मंत्री जो होई<br>विप्र, पड़ोसी, वैद्य, आपुको तपै रसोई।रसोई <br>कह गिरधर कविराय युगन सों यह चलि आई<br>इन तेरह को तरह दिये बनि आवै साँई॥साँई ॥