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गुले-नग़मा / फ़िराक़ गोरखपुरी

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* [[उजाड़ बन के कुछ आसार से चमन में मिले / फ़िराक़ गोरखपुरी]]
* [[वो आँख जबान हो गई है / फ़िराक़ गोरखपुरी]]
* [[हाल सुना फ़सानागो, लब की फ़ुर्सूंगरी फ़ुसूँगरी के भी / फ़िराक़ गोरखपुरी]]* [[ज़मी बदली, फ़लक बदला, मज़ाके-ज़िन्दगी बदला / फ़िराक़ गोरखपुरी]]* [[निगाहों में वो हल कई मसायले - हयात के / फ़िराक़ गोरखपुरी]]* [[ये सबाहत की जौ महवकां-महचकां / फ़िराक़ गोरखपुरी]]* [[ज़हे-आबो-गिल की ये कीमिया, है चमन की मोजिज़ा-ए-नुमू / फ़िराक़ गोरखपुरी]]
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