गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
जीवन शाप या वरदान / हरिवंशराय बच्चन
17 bytes added
,
13:50, 26 सितम्बर 2009
मौन को मुखरित बनाया,
करुन क्रंदन को
क्यों
बताया
क्यों मगर
मधुर गान?
जीवन शाप या वरदान?
हर्ष से क्षण क्षण भरोगे,
तो न कर देंगे उसे
सब
एक दिन बलिदान?
जीवन शाप या वरदान?
Dkspoet
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits