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"चुम्बन / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"" के अवतरणों में अंतर

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लहर रही शशिकिरण चूम निर्मल यमुनाजल,
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चूम सरित की सलिल राशि खिल रहे कुमुद दल
  
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कुमुदों के स्मिति-मन्द खुले वे अधर चूम कर,
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बही वायु स्वछन्द, सकल पथ घूम घूम कर
  
लहर रही शशिकिरण चूम निर्मल यमुनाजल,<br>
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है चूम रही इस रात को वही तुम्हारे मधु अधर
चूम सरित की सलिल राशि खिल रहे कुमुद दल<br><br>
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जिनमें हैं भाव भरे हु‌ए सकल-शोक-सन्तापहर!
 
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कुमुदों के स्मिति-मन्द खुले वे अधर चूम कर,<br>
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बही वायु स्वछन्द, सकल पथ घूम घूम कर<br><br>
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है चूम रही इस रात को वही तुम्हारे मधु अधर<br>
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जिनमें हैं भाव भरे हु‌ए सकल-शोक-सन्तापहर !<br><br>
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20:28, 7 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

लहर रही शशिकिरण चूम निर्मल यमुनाजल,
चूम सरित की सलिल राशि खिल रहे कुमुद दल

कुमुदों के स्मिति-मन्द खुले वे अधर चूम कर,
बही वायु स्वछन्द, सकल पथ घूम घूम कर

है चूम रही इस रात को वही तुम्हारे मधु अधर
जिनमें हैं भाव भरे हु‌ए सकल-शोक-सन्तापहर!