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"मुक्ति / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"" के अवतरणों में अंतर
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पत्थर, की निकलो फिर, | पत्थर, की निकलो फिर, | ||
:::गंगा-जल-धारा! | :::गंगा-जल-धारा! | ||
− | गृह-गृह की पार्वती! | + | :गृह-गृह की पार्वती! |
पुनः सत्य-सुन्दर-शिव को सँवारती | पुनः सत्य-सुन्दर-शिव को सँवारती | ||
− | उर-उर की बनो आरती! | + | :उर-उर की बनो आरती!-- |
− | भ्रान्तों की निश्चल ध्रुवतारा! | + | :भ्रान्तों की निश्चल ध्रुवतारा!-- |
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01:52, 11 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण
तोड़ो, तोड़ो, तोड़ो कारा
पत्थर, की निकलो फिर,
गंगा-जल-धारा!
गृह-गृह की पार्वती!
पुनः सत्य-सुन्दर-शिव को सँवारती
उर-उर की बनो आरती!--
भ्रान्तों की निश्चल ध्रुवतारा!--
तोड़ो, तोड़ो, तोड़ो कारा!