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"कालेमेग्दान / अज्ञेय" के अवतरणों में अंतर
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− | परकोटे और भीतरी | + | इधर |
− | लम्बी खाई में | + | परकोटे और भीतरी दीवार के बीच |
− | ढंग से सँवरे हुए | + | लम्बी खाई में |
− | पिछले महायुद्ध के हथियारों के ढूह: | + | ढंग से सँवरे हुए |
− | रूण्डे टैंक, टुण्डी तोपें, नकचिपटे गोला- | + | पिछले महायुद्ध के हथियारों के ढूह: |
− | सब की पपोटे-रहित अन्धी आँखें | + | रूण्डे टैंक, टुण्डी तोपें, नकचिपटे गोला-फेंक— |
− | ताक रहीं आकाश। | + | सब की पपोटे-रहित अन्धी आँखें |
+ | ताक रहीं आकाश। | ||
− | उधर | + | उधर |
− | परकोटे और दीवार के बीच टीले पर | + | परकोटे और दीवार के बीच टीले पर |
− | बेढंगे झंखाड़ों से अधढँके | + | बेढंगे झंखाड़ों से अधढँके |
− | मठ और गिरजाघर के खंडहर | + | मठ और गिरजाघर के खंडहर |
− | चौकाठ-रहित खिड़कियों से | + | चौकाठ-रहित खिड़कियों से उमड़ता अंधियार |
− | मनुष्यों को | + | मनुष्यों को मानों खोजता हो धरती पर... |
− | ईश्वर रे, मेर बेचारे, | + | ईश्वर रे, मेर बेचारे, |
− | तेरे कौन रहे अधिक हत्यारे? | + | तेरे कौन रहे अधिक हत्यारे? |
− | बेओग्राद, युगोस्लाविया] | + | <span style="font-size:14px">बेओग्राद, युगोस्लाविया] |
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− | ''कालेमेग्दान'': सावा और दोगउ (डैन्यूब) के संगम पर प्राचान दुर्ग, जिस के भीतर अब अस्त्र-संग्रहालय भी है। | + | ''कालेमेग्दान'': सावा और दोगउ (डैन्यूब) के संगम पर प्राचान दुर्ग, जिस के भीतर अब अस्त्र-संग्रहालय भी है।</span> |
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21:47, 3 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
इधर
परकोटे और भीतरी दीवार के बीच
लम्बी खाई में
ढंग से सँवरे हुए
पिछले महायुद्ध के हथियारों के ढूह:
रूण्डे टैंक, टुण्डी तोपें, नकचिपटे गोला-फेंक—
सब की पपोटे-रहित अन्धी आँखें
ताक रहीं आकाश।
उधर
परकोटे और दीवार के बीच टीले पर
बेढंगे झंखाड़ों से अधढँके
मठ और गिरजाघर के खंडहर
चौकाठ-रहित खिड़कियों से उमड़ता अंधियार
मनुष्यों को मानों खोजता हो धरती पर...
ईश्वर रे, मेर बेचारे,
तेरे कौन रहे अधिक हत्यारे?
बेओग्राद, युगोस्लाविया]
कालेमेग्दान: सावा और दोगउ (डैन्यूब) के संगम पर प्राचान दुर्ग, जिस के भीतर अब अस्त्र-संग्रहालय भी है।