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"अपने भी विरुद्ध / अभिज्ञात" के अवतरणों में अंतर

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कृत्रिम मोर्चों पर

22:43, 4 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

कृत्रिम मोर्चों पर
जूझने के उत्साह
विजयोल्लास
प्रशस्ति अर्जन से अपरास्त
तुम स्वयं
कभी आओ
मेरी टोनही मानसिकता को झाड़ो
मेरा कंठ
आवेश के कारण
रुद्ध है
और सबके साथ-साथ
अपने भी विरुद्ध है।