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"रिश्ता / अरुण कमल" के अवतरणों में अंतर

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वह समझ नहीं पाती क्या करे
 
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रिश्ते में बड़ी पर हैसियत छोटी
 
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यहाँ इतने नौकर-चाकर और वह ख़ुद
 
यहाँ इतने नौकर-चाकर और वह ख़ुद
 
 
एक सेठ के घर महराजिन
 
एक सेठ के घर महराजिन
 
  
 
अब आरम्भ होगी विधि
 
अब आरम्भ होगी विधि
 
 
जो बड़े हैं उनकी पैरपुजाई
 
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और वह खड़ी है वहीं मंडप के बाहर
 
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बेमौसम के फल-सी
 
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सबसे पहले उसी की है बारी
 
सबसे पहले उसी की है बारी
 
 
सबसे बड़ी फूआ गृहस्थ की।
 
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12:40, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

वह समझ नहीं पाती क्या करे
रिश्ते में बड़ी पर हैसियत छोटी
यहाँ इतने नौकर-चाकर और वह ख़ुद
एक सेठ के घर महराजिन

अब आरम्भ होगी विधि
जो बड़े हैं उनकी पैरपुजाई
और वह खड़ी है वहीं मंडप के बाहर
बेमौसम के फल-सी

सबसे पहले उसी की है बारी
सबसे बड़ी फूआ गृहस्थ की।