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"सूर्य-ग्रहण : 2 / अरुण कमल" के अवतरणों में अंतर

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धीरे-धीरे हो गया सर्वग्रास
 
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पर एक काला गोल पिण्ड
 
पर एक काला गोल पिण्ड
 
 
रहा दीप्त
 
रहा दीप्त
 
 
विराजता पूरे आकाश में--
 
विराजता पूरे आकाश में--
 
 
ग्रहण के बावजूद सूर्य ही रहा सूर्य
 
ग्रहण के बावजूद सूर्य ही रहा सूर्य
 
 
ग्रहण के बावजूद सूर्य ही होता है सूर्य !
 
ग्रहण के बावजूद सूर्य ही होता है सूर्य !
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12:56, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

धीरे-धीरे हो गया सर्वग्रास
पर एक काला गोल पिण्ड
रहा दीप्त
विराजता पूरे आकाश में--
ग्रहण के बावजूद सूर्य ही रहा सूर्य
ग्रहण के बावजूद सूर्य ही होता है सूर्य !