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"जागरण / अरुण कमल" के अवतरणों में अंतर

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विडियो चला है रात भर
 
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लगता है इसीलिए सोई है अब तक
 
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इस्पात नगर की लेबर कोलनी
 
इस्पात नगर की लेबर कोलनी
 
 
बल्ब जल रहा अब तक बाहर
 
बल्ब जल रहा अब तक बाहर
 
  
 
एक गृहिणि बुहारती है वेग से
 
एक गृहिणि बुहारती है वेग से
 
 
द्वार पर ज्गरे फूल हरसिंगार के
 
द्वार पर ज्गरे फूल हरसिंगार के
 
 
झटके से फेंकती है विथि पर
 
झटके से फेंकती है विथि पर
 
 
ठीक मेरे आगे फूलों का कूड़ा
 
ठीक मेरे आगे फूलों का कूड़ा
 
  
 
समाप्तप्राय है मेरा प्रात: भ्रमण
 
समाप्तप्राय है मेरा प्रात: भ्रमण
 
  
 
बच्चों ने भीतर ताली बजाई
 
बच्चों ने भीतर ताली बजाई
 
 
फिर कोई कैसेट लगा सुबह सुबह ।
 
फिर कोई कैसेट लगा सुबह सुबह ।
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13:18, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

विडियो चला है रात भर
लगता है इसीलिए सोई है अब तक
इस्पात नगर की लेबर कोलनी
बल्ब जल रहा अब तक बाहर

एक गृहिणि बुहारती है वेग से
द्वार पर ज्गरे फूल हरसिंगार के
झटके से फेंकती है विथि पर
ठीक मेरे आगे फूलों का कूड़ा

समाप्तप्राय है मेरा प्रात: भ्रमण

बच्चों ने भीतर ताली बजाई
फिर कोई कैसेट लगा सुबह सुबह ।