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"धनतेरस / अरुण कमल" के अवतरणों में अंतर

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आज धनतेरस है
 
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नए-नए बर्तन ख़रीदने का दिन
 
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और आज ही हम अपने आख़िरी बर्तन लिए
 
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घूम रहे हैं दुकान-दुकान
 
घूम रहे हैं दुकान-दुकान
 
  
 
आने का सवाल क्या
 
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जो कुछ पास था सब जा रहा है
 
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देखो वे कितनी बेरहमी से थकुच रहे हैं
 
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:::हमारे पुराने बर्तन
 
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और सजा रहे हैं एक पर एक
 
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:::अपने नए बर्तन!
 
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13:40, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

आज धनतेरस है
नए-नए बर्तन ख़रीदने का दिन
और आज ही हम अपने आख़िरी बर्तन लिए
घूम रहे हैं दुकान-दुकान

आने का सवाल क्या
जो कुछ पास था सब जा रहा है

देखो वे कितनी बेरहमी से थकुच रहे हैं
हमारे पुराने बर्तन
और सजा रहे हैं एक पर एक
अपने नए बर्तन!