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"सखियाँ / अरुण कमल" के अवतरणों में अंतर
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13:42, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
माथे पर जल भरा गगरा लिए
ठमक गई अचानक वह युवती
मुश्किल से गर्दन ज़रा-सी घुमाई
दायाँ तलवा पीछे उठाया
और सखी ने झुक कर
खींचा रेंगनी काँटा
और चल दी फिर दोनों सखियाँ
माथे पर जल लिए