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"पहला चुंबन / अशोक वाजपेयी" के अवतरणों में अंतर

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एक जीवित पत्थर की दो पंक्तियाँ
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एक जीवित पत्थर की दो पत्तियाँ
 
रक्ताभ, उत्सुक
 
रक्ताभ, उत्सुक
 
काँपकर जुड़ गई
 
काँपकर जुड़ गई

18:10, 8 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

एक जीवित पत्थर की दो पत्तियाँ
रक्ताभ, उत्सुक
काँपकर जुड़ गई
मैंने देखा :
मैं फूल खिला सकता हूँ।

(1960)