कवि: [[अशोक वाजपेयी]]{{KKGlobal}}[[Category:कविताएँ]]{{KKRachna[[Category:|रचनाकार=अशोक वाजपेयी]]}} ~*~*~*~*~*~*~*~~*~*~*~*~*~*~*~ {{KKCatKavita}}<poem>उसनें उसने कहा उसके पास एक छोटा सा ह्रदय हृदय है
जैसे धूप कहे
उसके पास थोड़ी सी रौशनी है
आग कहे
उसके पास थोड़ी सी गरमाहट---
धूप नहीं कहती उसके पास अंतरिक्ष है
आग नहीं कहती उसके पास लपटें
वह नहीं कहती उसके पास देह ।
</poem>