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नुकीली सुईयों का अंधड़ / अवतार एनगिल
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20:42, 8 नवम्बर 2009
|संग्रह=मनखान आएगा /अवतार एनगिल
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>सुनो दोस्त !
यह प्रतिशोध भी
उतना ही खोखला है
मुझे,
उसे,( हाँ,उसे भी !)
अकेला कर दिया है।</poem>
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