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रतजगा / आग्नेय

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{{KKRachna
|रचनाकार=आग्नेय
|संग्रह=मेरे बाद मेरा घर/ आग्नेय
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{{KKCatKavita}}<poem>
मुझे जागते रहना है--
 
एक कथा और सुनाओ
 
ख़त्म हो जाए तो और कथाएँ सुनाओ
 
समुद्र में रहने वाली मछलियों
 
साइबेरिया से आने वाली बत्तखों
 
बब्बर शेर, चालक लोमड़ी, हँसते लकड़बग्घे की कथाएँ
 
परिन्दों, दरख़्तों और जंगलों
 
रेशम बुनते कीड़ों, घड़ियालों
 
ध्रुवों पर जमी बर्फ़, प्राणरक्षक औषधियों
 
और सदाबहार वनस्पतियों की कथाएँ
 
इन सबकी कथाएँ सुनाते रहना
 
मुझे जगाए रखना
 
मेरे कानों में फुसफुसाकर कहना :
 
वे मनुष्यों की दुनिया से दुखी हैं
 
उनके संताप की कथा सुनाकर
 
मुझे जगाए रखना
</poem>
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