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जब चली रेल / इब्बार रब्बी

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|संग्रह=वर्षा में भीगकर / इब्बार रब्बी
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जब चली रेल तो रुलाई आई!
गलने लगी स्मृति, झपने लगी आँख
दिल्ली! बहुत याद आई।
 
'''रचनाकाल : 03.07.1990
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