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जो जले देर तक | जो जले देर तक | ||
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और धुआँ देता रहे | और धुआँ देता रहे | ||
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कि आकांक्षाओं की नाक में पानी | कि आकांक्षाओं की नाक में पानी | ||
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और आँखों में जलन हो | और आँखों में जलन हो | ||
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गले में ख़राश | गले में ख़राश | ||
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और थोड़ी देर के लिए ही सही | और थोड़ी देर के लिए ही सही | ||
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वे खामोश हो जाएं | वे खामोश हो जाएं | ||
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वक़्त की आग ने | वक़्त की आग ने | ||
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सब जलाकर राख कर दिया | सब जलाकर राख कर दिया | ||
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अब नया इंधन जुटाना ही पड़ेगा | अब नया इंधन जुटाना ही पड़ेगा | ||
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ज़िंदगी के लिए | ज़िंदगी के लिए | ||
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20:19, 9 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
यादों के उपलों में
अब एक भी कच्चा उपला नहीं
जो जले देर तक
और धुआँ देता रहे
कि आकांक्षाओं की नाक में पानी
और आँखों में जलन हो
गले में ख़राश
और थोड़ी देर के लिए ही सही
वे खामोश हो जाएं
वक़्त की आग ने
सब जलाकर राख कर दिया
अब नया इंधन जुटाना ही पड़ेगा
ज़िंदगी के लिए