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कुछ भी हो शहर में, तो भी
 
कुछ भी हो शहर में, तो भी
 
कुछ न हो तो भी
 
कुछ न हो तो भी
चैन न दिन मेम
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चैन न दिन में
 
न रैन में।
 
न रैन में।
  

23:43, 9 नवम्बर 2009 का अवतरण

बात में दहशत
बेबात में भी दहशत
कुछ भी हो शहर में, तो भी
कुछ न हो तो भी
चैन न दिन में
न रैन में।

मौसम गुनगुनाए तो भी
बरसाए तो भी
शहनाई हो तो भी
न हो तो भी
हँसी आए मस्त तो भी
बेहँसी में भी

गज़ब ही है भाई
न्यूज़रूम